प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं। प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं।
मिलते ही तुमसे नज़रें अरमानों में कुछ एसा सैलाब उठा, शरारती तेरी आँखों की अठखेलियो मिलते ही तुमसे नज़रें अरमानों में कुछ एसा सैलाब उठा, शरारती तेरी आँखों की...
अब न कोई आस बची है, अब न कोई प्यास बची, जीने की चिंगारी बुझी है, अब न कोई आग बची, अब न कोई आस बची है, अब न कोई प्यास बची, जीने की चिंगारी बुझी है, अब न क...
फिर वर्षा की बूंदों से तपिश मिट जाती है फिर वर्षा की बूंदों से तपिश मिट जाती है
तन्हा अब जीने लगा हूं आंसू अब पीने लगा हूं, तन्हा अब जीने लगा हूं आंसू अब पीने लगा हूं,
मधुर मिलन होने को है, खड़ी शोभा सकुचाने लगी है। लौकिक छटा निहारे अंबर, अब तो धरती मधुर मिलन होने को है, खड़ी शोभा सकुचाने लगी है। लौकिक छटा निहारे अंबर, ...